शांत शहर में रवि नाम का एक लड़का रहता था। अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध, रवि के माता-पिता हमेशा उसे सिखाते थे, "ईमानदारी का मतलब है सही काम करना, भले ही कोई न देख रहा हो।" रवि ने इस शिक्षा को पूरी तरह से आत्मसात कर लिया था।
एक दोपहर, रवि को सड़क पर एक बटुआ पड़ा मिला। उसमें नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। अकेला होने के बावजूद, रवि ने उसे रखने का विचार भी नहीं किया। इसके बजाय, उसने उसे उठाया और पास के पुलिस स्टेशन की ओर चल पड़ा।
चलते समय, रवि को अपने पिता के शब्द याद आए, "ईमानदारी किसी के चरित्र की सच्ची परीक्षा है।" स्टेशन पर, अधिकारी हैरान थे। “ज्यादातर लोग पैसे रख लेते,” उन्होंने कहा। रवि ने उत्तर दिया, “सही काम करना पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
पुलिस ने बटुए के मालिक, श्री शर्मा, को ढूंढ निकाला, जो इसके खो जाने से परेशान थे। जब श्री शर्मा को उनका बटुआ वापस मिला, तो वे अत्यधिक आभारी थे। “तुमने मेरे विश्वास को फिर से जगा दिया, बेटे,” उन्होंने रवि के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
रवि के इस कार्य की चर्चा पूरे शहर में फैल गई, जिससे दूसरों को भी ईमानदारी से कार्य करने की प्रेरणा मिली। हालांकि रवि ने मान्यता की तलाश नहीं की, लेकिन उनके कार्यों ने यह साबित कर दिया कि सच्ची ईमानदारी सबसे चमकती है जब कोई नहीं देख रहा होता। उनकी कहानी एक प्रेरणा बन गई, जो सबको याद दिलाती है कि चरित्र उस समय परिभाषित होता है जब कोई नहीं देख रहा होता।
बिलकुल! यहाँ कहानी "ईमानदारी: सही काम करो, भले ही कोई न देख रहा हो" से संबंधित 10 रिक्त स्थान भरने के प्रश्न हैं, साथ में संकेत, संदर्भ, और उत्तर:
1. रवि के माता-पिता हमेशा उसे सिखाते थे, "ईमानदारी का मतलब है __________ करना, भले ही कोई न देख रहा हो।"
- संकेत: सही काम
- संदर्भ: पहला पैराग्राफ
2. एक दोपहर, रवि को सड़क पर एक __________ पड़ा मिला।
- संकेत: पैसे और दस्तावेज रखने का सामान
- संदर्भ: दूसरा पैराग्राफ
3. उसमें नकदी और महत्वपूर्ण __________ थे।
- संकेत: जरूरी कागजात
- संदर्भ: दूसरा पैराग्राफ
4. रवि ने उसे उठाया और पास के __________ की ओर चल पड़ा।
- संकेत: कानून व्यवस्था का स्थान
- संदर्भ: दूसरा पैराग्राफ
5. चलते समय, रवि को अपने पिता के शब्द याद आए, "ईमानदारी किसी के __________ की सच्ची परीक्षा है।"
- संकेत: नैतिक गुण
- संदर्भ: तीसरा पैराग्राफ
6. स्टेशन पर, अधिकारी __________ थे।
- संकेत: चकित
- संदर्भ: तीसरा पैराग्राफ
7. पुलिस ने बटुए के मालिक, श्री शर्मा, को __________ निकाला।
- संकेत: ढूंढना
- संदर्भ: चौथा पैराग्राफ
8. श्री शर्मा को उनका बटुआ वापस मिला, तो वे अत्यधिक __________ थे।
- संकेत: कृतज्ञ
- संदर्भ: चौथा पैराग्राफ
9. रवि के इस कार्य की चर्चा पूरे __________ में फैल गई।
- संकेत: निवास स्थान
- संदर्भ: पाँचवाँ पैराग्राफ
10. उनकी कहानी एक प्रेरणा बन गई, जो सबको याद दिलाती है कि __________ उस समय परिभाषित होता है जब कोई नहीं देख रहा होता।
- संकेत: व्यक्तित्व
- संदर्भ: पाँचवाँ पैराग्राफ
उत्तर:
1. सही काम, 2. बटुआ, 3. दस्तावेज, 4. पुलिस स्टेशन, 5. चरित्र, 6. हैरान, 7. ढूंढ, 8. आभारी, 9. शहर, 10. चरित्र
बिलकुल! यहाँ कहानी "ईमानदारी: सही काम करो, भले ही कोई न देख रहा हो" से संबंधित 10 मिलान करें के प्रश्न हैं: