एक समय की बात है, एक किसान ने अपने खेत में क्रेनों को पकड़ने के लिए जाल बिछाए जो उसकी फसल खा रही थीं। एक दिन उसने अपने जाल में एक सारस को क्रेनों के साथ फंसा पाया। सारस ने किसान से विनती की, "कृपया मुझे छोड़ दो! मैं इन क्रेनों की तरह नहीं हूं। मैं एक सारस हूं, एक अच्छे चरित्र वाला पक्षी हूं, और मैंने तुम्हारी फसल नहीं खाई है। मैं बस गलत समय पर गलत जगह पर था।"
किसान ने सारस को देखा और कहा, "तुम्हारे शब्द सही हो सकते हैं, लेकिन मैंने तुम्हें इन क्रेनों के साथ पाया है, जिससे तुम मेरी नजर में उतने ही दोषी हो। तुम्हें उस संगति से आंका जाएगा जिसमें तुम हो।" सारस की और विनती के बावजूद, किसान ने उसे नहीं छोड़ा।
सारस ने देर से ही सही, किसान की बातों की सच्चाई समझी। गलत संगति में रहने से उसकी बर्बादी हुई, भले ही उसने खुद कुछ गलत नहीं किया था। किसान ने सारस और क्रेनों को गाँव ले जाकर सबको दिखाया कि गलत संगति में रहने का क्या परिणाम होता है।
उस दिन से, सारस की कहानी सभी के लिए एक सबक बन गई: अपने साथियों को समझदारी से चुनो, क्योंकि तुम्हें उस संगति से आंका जाएगा जिसमें तुम हो।
बिल्कुल! यहाँ "किसान और सारस: संगति का प्रभाव" कहानी पर आधारित 10 रिक्त स्थान भरने वाले प्रश्न दिए गए हैं, साथ ही उत्तर भी दिए गए हैं।
1. किसान ने अपने खेत में __________ बिछाए थे।
2. एक दिन किसान ने अपने जाल में एक __________ को क्रेनों के साथ फंसा पाया।
3. सारस ने किसान से विनती की, "कृपया मुझे __________!"
4. सारस ने दावा किया कि वह __________ की तरह नहीं है।
5. किसान ने कहा, "तुम्हें उस संगति से __________ किया जाएगा जिसमें तुम हो।"
6. सारस की और __________ के बावजूद, किसान ने उसे नहीं छोड़ा।
7. सारस ने किसान की __________ की सच्चाई देर से समझी।
8. किसान ने सारस और क्रेनों को __________ ले जाकर सबको दिखाया।
9. सारस की कहानी सभी के लिए एक __________ बन गई।
10. सारस की कहानी ने सिखाया कि अपने __________ समझदारी से चुनो।
उत्तर: 1. जाल, 2. सारस, 3. छोड़ दो, 4. क्रेनों, 5. आंका, 6. विनती, 7. बातों, 8. गाँव, 9. सबक, 10. साथी
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